एम आई टी संस्थान की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा हिंदी दिवस कार्यक्रम आयोजित
1 min read*संस्थान निदेशक रवि जुयाल द्वारा द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर हुई
ऋषिकेश।एम आई टी संस्थान की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के स्वयं सेवियों द्वारा संस्थान परिसर में हिन्दी दिवस समारोह का अयोजन किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान निदेशक रवि जुयाल द्वारा द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
इस अवसर पर स्वयंसेवियों को सम्बोधित करते हुए संस्थान निदेशक ने बताया की पूरे देश में भाषा और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है हिंदी भारत की न केवल आधिकारिक भाषा है बल्कि फिजी सिंगापुर मॉरीशस जैसे देशों में काफी लोकप्रिय है दुनिया भर में 420 मिलियन से अधिक लोग हिंदी को अपनी पहली भाषा के रूप में बोलते हैं जबकि 120 मिलियन लोगों की दूसरी भाषा हिंदी है।
भारत में 64 करोड़ लोगो की मातृभाषा हिंदी है लगभग बीस करोड़ लोग हिंदी को दूसरी भाषा के रूप में तथा 44 करोड़ लोग तीसरी भाषा के रूप में हिन्दी का उपयोग करते है।आज का दिन हिंदी भाषा के महत्व और उपयोग पर ध्यान देने के साथ भारत की भाषा विविधता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है हम सभी जानते हैं की हिंदी दिवस पिछले 70 सालों से 14 सितंबर के दिन हर साल मनाया जाता है इसी दिन हिंदी भाषा को संवैधानिक रूप से भारत की आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला था।
संस्थान निदेशक ने बताया की 200 साल की ब्रिटिश राज की गुलामी से आजाद होने के बाद भारतीयों ने सपना देखा था कि एक दिन पूरे देश की एक ही भाषा होगी जिसके जरिए देश के कोने कोने में संवाद होगा संविधान निर्माता ने देवनागरी में लिखी हिंदी भाषा को देश की भाषा के रूप में स्वीकार किया इसके साथ भारत की आजादी में भी हिंदी भाषा का काफी महत्व रहा है चाहे वह आजादी के लिए तैयार किए गए।
हिंदी नारे हो या फिर देशभक्ति की कविताएं सभी ने देश की जनता में क्रांति की ज्वाला को भरने का कार्य किया यही कारण था कि हिंदी को जन-जन की भाषा माना गया निश्चित तौर पर वर्तमान में हिंदी विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली चौथी भाषा के रूप में अपना स्थायित्व बनाए हुए हैं।
हिंदी न केवल हमारी राष्ट्रीयता अपितु राष्ट्रीय एकता का भी प्रतीक है हिंदी दिवस के अवसर पर हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हमारी भाषा हमारी संस्कृति गाथाएं और इतिहास की नींव में हिंदी का अमूल्य योगदान है हिंदी का सही ज्ञान हमें हमारी संस्कृति हमारी सभ्यता हमारे देश हमारी धरोहर को समझने में मदद करता है और आने वाली पीढ़ी को हमारी संस्कृति के मूल मूल्यों को समझने में सहायक है हिंदी के महत्व को समझ कर हम इस भाषा को बचाने और बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए हमें समाज में हिंदी का उचित प्रयोग करना चाहिए ताकि यह भाषा हमें हमेशा जोड़े रहे और हमारी राष्ट्रीय भाषा के रूप में आगे बढ़ सके इस तरह हिंदी दिवस हमें हमारे देश के सांस्कृतिक धरोहर के प्रति समर्पित और जागरूक बनती है और हमें याद दिलाती है कि हमारी मातृभाषा हमारी गर्व और पहचान की प्रतीक है।
इस अवसर पर एन एस एस कार्यक्रम समन्वयक डा रितेश जोशी एवम राजेश चौधरी द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया जिसमें स्वयंसेवियों द्वारा हिंदी साहित्य पर लघु नाटिका का मंचन, कविताएं ,हिंदी गीत ,भाषण ,इत्यादि विविध प्रकार की गतिविधियों का संचालन किया गया। कार्यक्रम में सभी स्वयंसेवियो के साथ साथ डा प्रेम प्रकाश पुरोहित, अंशु यादव, शिल्पी कुकरेजा,आशुतोष बछेती एवं रवि कुमार उपस्थित रहे।