राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गाजियाबाद में “शहीद सम्मान समारोह” में किया शिरकत
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*कहा — “सैनिकों का सम्मान केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि राष्ट्रधर्म है”
राजभवन, देहरादून 08 अक्टूबर, 2025 राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में राष्ट्रीय सैनिक संस्था द्वारा आयोजित “शहीद सम्मान समारोह” में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों को सम्मानित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह आयोजन केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि उन अमर सपूतों के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर भारत की स्वतंत्रता और गौरव की रक्षा की। उन्होंने कहा कि भारत माता के वीर सपूतों के बलिदान का ऋण कभी नहीं चुकाया जा सकता — उनकी वीरता के कारण ही देश सुरक्षित और समृद्ध है।
राज्यपाल ने कहा कि सैनिक का जीवन केवल वर्दी तक सीमित नहीं होता, बल्कि वह अनुशासन, त्याग और समर्पण की जीवित प्रतिमूर्ति होता है। उन्होंने कहा कि जब सैनिक सीमा पर डटा होता है, उसके मन में केवल “राष्ट्र प्रथम” का भाव होता है। यही भावना राष्ट्र को सुरक्षित और सशक्त बनाए रखती है।
उन्होंने कहा कि जब तक सैनिक सीमा पर डटे हैं, तब तक देशवासी निश्चिंत होकर विकास के पथ पर अग्रसर रह सकते हैं। सैनिक केवल सीमाओं की रक्षा नहीं करते, बल्कि देश की प्रगति और आत्मविश्वास के प्रहरी भी हैं।
राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह सैनिकों का सम्मान करे, क्योंकि “सैनिकों का सम्मान केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि राष्ट्रधर्म है।”
उन्होंने पूर्व सैनिकों को राष्ट्र की अमूल्य धरोहर बताते हुए कहा कि वे अनुशासन, नेतृत्व और ईमानदारी के प्रतीक हैं। उन्होंने समाज सेवा, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, नशा मुक्ति और युवाओं के मार्गदर्शन में पूर्व सैनिकों की भूमिका की सराहना की।
राज्यपाल ने राष्ट्रीय सैनिक संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह केवल एक संगठन नहीं, बल्कि अनुशासन, साहस और समर्पण की विचारधारा है। उन्होंने “शहीदों की आरती” जैसी पहल को भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक बताया और कहा कि यह परंपरा समाज में राष्ट्रभक्ति की भावना को और प्रबल करेगी।
उन्होंने कहा कि बीते दशक में भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से अग्रसर हुआ है। “स्वदेशी केवल आर्थिक स्वतंत्रता नहीं देता, बल्कि यह राष्ट्रीय गौरव की पुनर्स्थापना का प्रतीक है,” राज्यपाल ने कहा।
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), नई तकनीकों और स्टार्टअप संस्कृति को अपनाकर देश को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाएं।
इस अवसर पर राष्ट्रीय सैनिक संस्था के अध्यक्ष कर्नल टी.पी. त्यागी (से नि) सहित संस्था के अनेक पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे।