ट्रॉमा रथ ने सड़क दुर्घटनाओं के दौरान आघात चिकित्सा का प्रशिक्षण देकर विभिन्न संस्थान के सभी विभागों के बच्चों और शिक्षकों को किया जागरुक
ऋषिकेश।उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मृत्युदर को कम करने के उद्देश्य से एम्स ऋषिकेश ट्रॉमा सर्जरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग और नर्सिंग प्रोफेशनल डवलपमेट एसोशियसन,एम्स ऋषिकेश द्वारा सड़क दुर्घटनाओं के दौरान आघात चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया गया।
ट्रॉमा रथ ने निर्मल दीप आश्रम स्कूल,रेड फोर्ट इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, बैराज के कर्मचारियों को आघात चिकित्सा के प्रति संस्थान के सभी विभागों के बच्चों और शिक्षकों को जागरुक किया गया।
ट्रॉमा विशेषज्ञों के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं के दौरान घायल व्यक्ति की जान बचाने के लिए पहले 3 घंटे बहुत महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में जरूरी है कि आम लोगों सहित राज्य के हेल्थ केयर वर्करों को दुर्घटना के दौरान घायल व्यक्ति की जान बचाने और समय रहते उपचार की विशेष तकनीक का अनुभव होना चाहिए।
एम्स ऋषिकेश के ट्रॉमा सर्जरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग और नर्सिंग प्रोफेशनल डवलपमेट एसोशियसन,एम्स ऋषिकेश का यह सराहनीय प्रयास है।एम्स का ट्रॉमा रथ इन उद्देश्यों को साकार करेगा और आम जनमानस को इस संबंध में जागरुक करेगा।एम्स ऋषिकेश की यह विशेष पहल कारगर सिद्ध होगी।
इस बारे में जानकारी देते हुए ट्रॉमा रथ के प्रभारी और एम्स के ट्रॉमा सर्जन डॉ. मधुर उनियाल ने कहा कि ट्रॉमा रथ का मुख्य उद्देश्य राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मृत्यु दर को कम करना है। इसमें डॉक्टर अजय , डिप्टी नर्सिंग अधिक्षक कमलेश बैरवा,असिस्टेंट नर्सिंग अधीक्षक प्रकाश चंद मीना, महेश देवस्थले ने डिमॉन्स्ट्रेशन के द्वारा लॉग रॉल तकनीक भी बताई गई।
इस दौरान नेशनल नर्सिंग प्रोफेशनल डेवलेपमेंट एसोसिएशन एम्स के अध्यक्ष संजीव जांगिड़, सह कोसाधक्ष बीरबल मीना, संगठन सचिव सुशीला पुन्नु और नाटक नुकड़ टीम में लोकेंद्र सिंह, आरती, अलका, प्रज्ञा, तरुण्नम,शशिकांत, जयंती, प्रियंका समेत विभाग के कई अन्य सदस्य मौजूद थे।