जय शिवाय शिवाय हरि सेवा न्यास की टीम पहुंची पैठानी गांव
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ऋषिकेश। लोक कल्याण की भावना से जय शिवाय शिवाय हरि सेवा न्यास की टीम त्रीदिवसीय प्रवास में पैठानी गांव में पहुंची *समुद्र मंथन* के बाद जब अमृत बट रहा था तो सर्वभानु नाम के दैत्य ने पंक्ति भेद करके अमृत पीने का प्रयास किया सूर्य चंद्रमा ने यह देख लिया।
भगवान विष्णु को की प्रभु सर्व भानू ने पंक्ति भेद कर अमृत पी लिया है। भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सर्वभानू के शरीर के दो टुकड़े कर दिए जो एक सर राहु और धड़ केतु में विभाजित हुए तो ऋषिकेश से 175 किलोमीटर दूर पौड़ी गढ़वाल जिले के पैठणी गांव में मैं *राहु इंद्रेश्वर महादेव* के नाम से प्रतिष्ठित है राहु का गोत्र है पैठणी, उन्हीं के नाम के नाम पर इस गांव का नाम पैठणी पड़ा।
इस स्थान पर राहु ने भगवान शिव की आराधना तंत्र क्रिया के द्वारा की थी इसलिए इस स्थान पर राहु को *राहु तंत्र* के नाम से भी जाना जाता है।इस स्थान पर योनि के ऊपर राहु भगवान शिव प्रतिष्ठित है,और ऐसा कहा जाता है कि *साबर* मंत्र की उत्पत्ति भी यही से हुई है यह तीन नदी के संगम पर है,इस मंदिर मुख्य द्वार पश्चिम दिशा की ओर है के साथ ही तुम्हारी पूजा की जाएगी।
इस स्थान पर सर्वप्रथम यानी है यानी पर राहु भगवान की आराधना कर रहे हैं उसके ऊपर शिव का जो लिंग है वह स्थापित है यहीं पर भीम शिला भी है और कहा जाता है कि पूरे विश्व में राहु का एकमात्र मंदिर पैठणी गांव में है। देश-विदेश से इस स्थान पर लोग आने लगे है।
और राहु पूजन, रुद्राभिषेक विप्र, पूजन करते और मंदिर पुरातत्व विभाग के देख रेख में है, हाल ही में इस मंदिर में गोवा के स्वास्थ्य मंत्री श्री विश्वजीत प्रताप राणे भी दर्शन के लिए आ चुके हैं। यह मंदिर जूना अखाड़ा के अधीन है और इसमें महन्त नारायण गिरि माता जी है।