एम्स ऋषिकेश में आईसीडी-11 कोडिंग पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
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ऋषिकेश, 6 अक्टूबर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में आईसीडी-11 कोडिंग पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य अस्पतालों में अंतरराष्ट्रीय रोग वर्गीकरण (ICD) प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना था।
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन केंद्रीय स्वास्थ्य बुद्धिमत्ता ब्यूरो (CBHI), लखनऊ और एम्स ऋषिकेश के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में स्वास्थ्य स्थितियों के सटीक डेटा संग्रहण की प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी गई।
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. (डॉ.) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित वर्कशॉप में एम्स के डॉक्टरों, नर्सों तथा एलाइड हेल्थ प्रोफेशनल्स को ICD-10 से ICD-11 तक की यात्रा, उसकी विशेषताएं, डिजिटल उपयोगिता और व्यवहारिक कोडिंग प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई। प्रतिभागियों ने केस स्टडी और लाइव डेमोस्ट्रेशन के माध्यम से ICD-11 के व्यावहारिक उपयोग का अनुभव प्राप्त किया।
कार्यशाला का संचालन एमआरडी विभागाध्यक्ष डॉ. नम्रता गौर की देखरेख में किया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि ICD-11 के प्रभावी उपयोग से न केवल मरीजों के उपचार की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि सरकार को भविष्य की स्वास्थ्य नीतियों एवं योजनाओं के निर्माण में सटीक डेटा उपलब्ध कराने में भी सहायता मिलेगी।
कार्यक्रम में ICD-10 से ICD-11 तक का परिवर्तन और चुनौतियां, केस स्टडी एवं कोडिंग उदाहरण तथा प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया।
कार्यशाला की मुख्य अतिथि श्रीमती दीक्षा सचदेवा, उप निदेशक (I.S.S.), CBHI और डॉ. महेश नाथ सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रोग्राम इवैल्यूएशन (CBHI टीम) ने डेटा संग्रहण और उसके उपयोग से संबंधित तकनीकी जानकारियां साझा कीं।
इस अवसर पर संस्थान की डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्या श्री, उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रवि कुमार, मुख्य नर्सिंग अधिकारी अनीता रानी कंसल, डीएनएस जीनो जैकब, एमआरडी अधिकारी विजय कुमार, जेएमआरओ शोभित सक्सेना और विशाल यादव सहित अन्य अधिकारी एवं स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।