खुशियों के दीप जलाकर मनाएं दीपावली पर्व:डॉ0 राजे सिंह नेगी
1 min readऋषिकेश। पूरे देश मे दीपावली का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है देवी लक्ष्मी की पूजा रोशनी, रंगोली, पटाखे और घर की साज-सज्जा इस त्यौहार के आनंद का अभिन्न अंग है त्योहारों के दौरान खानपान- दिनचर्या और इसे मनाने के तरीकों को लेकर सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है उल्लास और उत्साह के बीच उत्तम स्वास्थ्य हमारी पहली प्राथमिकता है इसे किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
दिवाली के त्यौहार में खास तौर पर आंखों की सेहत को लेकर सावधानी बरते जाने की आवश्यकता है। विभीन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े समाजसेवी एवं नगर के प्रसिद्ध नेत्र दृष्टिविशेषज्ञ डॉ राजे नेगी के अनुसार दीपावली में पटाखों को लेकर बरती गई लापरवाही के कारण हाथ और उंगली के साथ सबसे ज्यादा आंखे प्रवाहित होने का डर रहता है पटाखों के धुंवे के कारण आंखों में जलन चुभन के साथ लालिमा होने का खतरा होता है।
इसके अलावा पटाखों से लगने वाली चोट आंखों में घाव, खून (रक्त) के थक्के बनने या पुतली को भी नुकसान पहुंचा सकती है। बोतल में जलाए जाने वाले रॉकेट लोगों के चेहरों पर उड़कर लग जाते हैं जिसके कारण आंखों में चोट के सबसे ज्यादा मामले देखे जाते हैं। पटाखों के नजदीक से फटने से आंखों की रोशनी भी खराब हो सकती है।
इस तरह की समस्याओं से बचे रहने के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। बच्चों द्वारा आतिशबाजी करते समय बड़े लोगों को उन पर अपनी निगरानी रखनी चाहिए। पटाखे हमेशा शरीर से दूर रहकर ही चलाएं। आतिशबाजी वाले क्षेत्र में सभी ज्वलनशील चीजों को हटा दें। पटाखे हमेशा खुले स्थानों पर ही जलाएं एवं वहाँ पर पानी से भरी बाल्टी अवश्य रखें।आतिशबाजी चलाने के लिए लंबी डंडी का प्रयोग करें जिससे इससे होने वाले धमाके से हाथों यहां आंखों पर कोई असर ना हो।
आंखों को सुरक्षित रखने के लिए आतिशबाजी करते समय सुरक्षादायक चश्मे पहने। अनार जैसे पटाखों से आंखों और चेहरे पर चोट के सबसे ज्यादा मामले देखे जाते हैं। इसे हमेशा दूर से ही जलाएं। छोटे बच्चों को कभी भी आतिशबाजी ना करने दें। पटाखों को जलाकर फेंके नहीं इससे चोट का खतरा हो सकता है।
पटाखों को छूने के बाद उसी हाथ से आंखों को न छुएं इससे रसायनों के आंखों में जाने का खतरा रहता है। अगर कोई केमिकल या पटाखों की चिंगारी आंखों में चली जाए तो तुरंत आंखों और पलकों को साफ पानी से धोलें।