उत्तराखंड आरएसएसडीआई के तत्वावधान में मेडिसिन विभाग द्वारा मधुमेह विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी शुरू
ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में उत्तराखंड आरएसएसडीआई के तत्वावधान में मेडिसिन विभाग द्वारा शनिवार को मधुमेह विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी विधिवत शुरू हो गई। संगोष्ठी के प्रथम दिवस देशभर से जुटे विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा मधुमेह से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई।
एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह की देखरेख व उत्तराखंड आरएसएसडीआई के सचिव डा. रविकांत व अध्यक्ष डा. संजय शाह के संयोजकत्व में आयोजित संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने मधुमेह की चुनौतियां, बढ़ते फैटिलीवर नामक बीमारी, नई इजाद इंसुलिन व मधुमेह की जटिलताओं में कैसे कार्य करें आदि विषयों पर चर्चा की।
इस अवसर पर संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने सभी संकायों व उत्तराखंड आरएसएसडी के प्रतिनिधियों का एम्स ऋषिकेश परिसर में स्वागत किया। डीन एकेडमिक ने इस तरह के आयोजनों की निरंतरता पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन मधुमेह के बारे में जानकारी के काफी सहायक माध्यम हैं।
लिहाजा इस तरह की संगोष्ठियों के आयोजन नियमिततौर पर किए जाने चाहिंए, जिससे चिकित्सकों के साथ साथ रोगी भी लाभान्वित हो सकें।संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने कहा कि उत्तराखंड आरएसएसडीआइ मधुमेह से संबंधित रिसर्च में एक महत्वपूर्ण संस्था है, इस संस्था के प्रयासों से उत्तराखंड राज्य को काफी लाभ रहा है।
उत्तराखंड आरएसडीडीआई की संगोष्ठी के अवसर पर डॉ. रविकांत ने बढ़ते हुए मधुमेह रोग एवं उसकी जटिलताओं पर व्याख्यान दिया। उन्होंने उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य को अपनी गिरफ्त में ले रहे मधुमेह जैसी बीमारी को उत्तराखंड जैसे पहाड़ी प्रदेश के लिए एक चुनौती बताया। डा. रविकांत ने बताया कि इस बीमारी के संबंध में उचित जानकारी एवं नियमित उपचार ही निदान का एकमात्र तरीका है। संस्थान के चेयरमैन डॉक्टर संजय शाह ने इस अवसर पर उत्तराखंड आरएसएसडीडीआई द्वारा सालभर के अंतराल में किए गए कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया, साथ ही भविष्य में संस्था की कार्ययोजना पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला में योग एवं मधुमेह विषय पर चर्चा की गई। इसके साथ साथ योगाचार्यों द्वारा विभिन्न मुद्राओं को प्रस्तुत किया गया। योग प्रदर्शन के माध्यम से शारीरिक व्यायाम के माध्यम मधुमेह पर नियंत्रण का संदेश दिया। इस अवसर पर डा. पंकज अग्रवाल द्वारा हिंदी जर्नल का उद्घाटन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि नेशनल आरएसएसडीआइ के प्रेसिडेंट डॉक्टर सीएच वसंथ कुमार ने ऋषिकेश एम्स द्वारा दी जा रही सेवाओं की सराहना की। कार्यशाला में उन्होंने मधुमेह से कैसे बचा जाए विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। इस अवसर पर देशभर से आए मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजय कालरा ( करनाल) डॉक्टर आशु रस्तोगी (पीजीआइ, चंडीगढ़), डॉक्टर देवनालय सान्याल (कलकत्ता) डॉक्टर दीपक जुमनिया (मुंबई) डॉक्टर सुनील कोटा (उड़ीसा), डा. राकेश सहाय (हैदराबाद) डा. मोहन टी. शेनॉय (त्रिवेंद्रम) डा. एके दास (पुडुचेरी) डा. नितिन कपूर (वेल्लोर) आदि विशेषज्ञ मौजूद रहे। संगोष्ठी के आयोजन में मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा. मीनाक्षी धर, डा. मोनिका पठानिया, डा. वैंकटेश पाई, डा. प्रसन्न कुमार पंडा, डा. मुकेश कुमार, डा. रोहित रैना, डा. अजय पाल सिंह, डा. उज्जवल, डा. प्रभात, डा. बिमलेश, डा. निधि, डा. अजिंक्य, डा. अर्नव कालरा, डा. नोमिता, डा. हिना उस्मानी की अहम भूमिका रही।
इस अवसर पर आरएसएसडीआई के पूर्व अध्यक्ष केसी लोहानी, प्रेसिडेंट इलेक्ट डा. नीलांबर भट्ट, वरिष्ठ फिजिशियन डा. जेएम भटनागर, डा. दीपक रस्तोगी, डा. मनोज तिवारी, डा.अमित वर्मा, डा. रेशमा कौशिक आदि मौजूद थे।