मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में बंद हुए श्री केदारनाथ धाम के कपाट
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*साढ़े सत्रह लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए बाबा केदार के दर्शन
*शीतकालीन गद्दीस्थलों पर पूजा-अर्चना को प्रोत्साहित किया जाएगा : हेमंत द्विवेदी
केदारनाथ/रुद्रप्रयाग, 23 अक्टूबर।विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज भैया दूज के पावन अवसर पर प्रातः 8:30 बजे प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में शीतकाल के लिए विधिवत बंद किए गए। इस अवसर पर मंदिर परिसर में सेना के बैंड की मधुर भक्ति धुनों और “जय बाबा केदार” के जयघोषों से सम्पूर्ण धाम गुंजायमान हो उठा।
कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली सेना के बैंड एवं भक्तों के साथ पहले पड़ाव रामपुर के लिए रवाना हुई। मुख्यमंत्री धामी ने स्वयं डोली को शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए विदा किया। कड़ाके की ठंड के बावजूद 10 हजार से अधिक श्रद्धालु इस अद्भुत क्षण के साक्षी बने। मंदिर को भव्य पुष्पों से सजाया गया था और श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन भी हुआ।
कपाट बंद करने की पारंपरिक प्रक्रिया के अंतर्गत पुजारी बागेश लिंग और आचार्यगणों ने समाधि पूजन एवं अखंड ज्योति दर्शन के बाद भगवान केदारनाथ के स्वंयभू शिवलिंग को पुष्पों व ब्रह्मकमल से आच्छादित कर समाधि रूप दिया। तत्पश्चात मंदिर के पूर्वी व दक्षिण द्वार बंद कर दिए गए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर देश-विदेश से आए सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप भव्य-दिव्य केदारपुरी का स्वरूप साकार हुआ है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड 50 लाख तीर्थयात्री पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब शीतकालीन यात्रा को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि इस वर्ष 17,68,795 श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग सवा लाख अधिक हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में चारधाम यात्रा सुचारू और सुरक्षित ढंग से संपन्न हुई है। साथ ही बताया कि शीतकाल के दौरान श्री केदारनाथ धाम की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रहेगी और शीतकालीन गद्दीस्थलों पर पूजा-अर्चना को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ के अनुसार, कपाट बंद होने के बाद पंचमुखी देव डोली आज रामपुर में रात्रि विश्राम करेगी, शुक्रवार 24 अक्टूबर को गुप्तकाशी श्री विश्वनाथ मंदिर पहुंचेगी और शनिवार 25 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी।
इस अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, भाजपा जिलाध्यक्ष भारत भूषण कुकरेती, कृषि विपणन बोर्ड अध्यक्ष अनिल डब्बू, बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, डीएम प्रतीक जैन, एसपी अक्षय प्रह्लाद कोंडे, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, समिति सदस्यगण, पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ कर्मी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।