ऋषिकेश शहर में वरिष्ठ नागरिकों के लिए “ वर्कप्लेस वेलनेस “कार्यक्रम आयोजित
1 min readएम्स ऋषिकेश के आउटरीच सेल के तत्वावधान में वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन के सहयोग से ऋषिकेश शहर में वरिष्ठ नागरिकों के लिए “ वर्कप्लेस वेलनेस “कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में एम्स ऋषिकेश की आउटरीच सेल समय-समय पर समाज के भिन्न -भिन्न वर्गों के लिए “वर्कप्लेस वेलनेस “आयोजित करता आ रहा है।
कार्यक्रम में आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी एवं वेलनेस एक्सपर्ट डॉक्टर संतोष कुमार द्वारा बताया गया कि आयोजित कार्यक्रम की थीम “ स्वस्थ शरीर से स्वस्थ मन की यात्रा है “ । यह आयोजन युवाओं,कम्युनिटी मेम्बर एवं विभिन्न संस्थानों के कर्मचारियों के लिए आयोजित किया जाता है ।
उन्होंने बताया कि ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से स्वस्थ शरीर से स्वस्थ मन तक के बारे में जनसामान्य को जागरुकता करना एवं इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने की विधि व तौरतरीकों से रूबरू कराना है ।
डॉ. संतोष कुमार के अनुसार आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में प्रत्येक व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु उसका दूषित मन एवं खान-पान है, जिसके कारण मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा, के साथ ही मानसिक रोग जैसी बीमारियां मानव पर हावी होती जा रही हैं।
वेलनेस एक्सपर्ट द्वारा बताया गया कि बीमारी के बढ़ने व किसी भी व्यक्ति के बीमारी से ग्रसित होने से पहले ही बचाव के तौर तरीकों को अपनाना ही वेलनेस है ।
साथ ही बताया गया कि अपनी दिनचर्या, खान पान, रहन सहन में थोड़े से परिवर्तन करने से ही हम बड़ी से बड़ी बीमारियों से बच सकते हैं।
इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन द्वारा एम्स की ओर से आयोजित कार्यक्रम की सराहना की गई, संगठन ने सभी लोगों से विशेषज्ञ द्वारा बताए गए तथ्यों को अपने जीवन में लागू करने की अपील की। संगठन के आग्रह पर इसी तरह का हेल्थ वेलनेस कार्यक्रम जून -२०२३ से प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार में आयोजित किया जाएगा ।
आयोजित कार्यक्रम में ऋषिकेश शहर के 50 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों ने प्रतिभाग किया । आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन के सभी पदाधिकारी एवं एम्स आउटरीच के सभी सदस्य मौजूद थे।
इंसेट
वेलनेस एक्सपर्ट डॉक्टर संतोष कुमार के सुझाव, जिन्हें सभी को दैनिक जीवन में लागू करना चाहिए।
१- प्रतिदिन २ से ३ फलों (350-400 ग्राम)का सेवन
२- खाने के ऊपर नमक का प्रयोग नहीं करें।
३- पानी का अत्यधिक सेवन करें।
४- मीठे का सेवन कम करें।
५- प्रतिदिन सूक्ष्म व्यायाम, योगाभ्यास अवश्य करें।