एमआईटी संस्थान में बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर एक कार्यशाला आयोजित
1 min readऋषिकेश। एमआईटी संस्थान में बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने बौद्धिक संपदा पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय पंडित ललित मोहन शर्मा कैम्पस डीन ऑफ साइंस, वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष एवं मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी के कोऑर्डिनेटर प्रो0 गुलशन ढींगरा, यूकॉस्ट देहरादून से डॉ0 हिमांशु गोयल, संस्थान निदेशक रवि जुयाल, ऑर्गनाइजिंग चेयरपर्सन प्रो0 ज्योति जुयाल तथा कार्यशाला कन्वेनर एवं विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो0 कौशल्या डंगवाल ने संयुक्त रूप से किया।
प्रो0 ढींगरा ने छात्रों से बौद्धिक संपदा अधिकार अधिनियम को विस्तार से जानने को प्रेरित किया और कहा कि विभिन्न प्रकार के माध्यमों से बौद्धिक क्षमताओं को विकसित कर पेटेंट किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि प्राध्यापको, शोध छात्रों एवं छात्र छात्राओं के लिए विशेष प्रकार की योजनाएं भी उपलब्ध हैं जिनका उपयोग किया जा सकता है।
संस्थान निदेशक रवि जुयाल ने मुख्य अतिथि एवं विषय विशेषज्ञ का स्वागत करते हुए कहा कि बौद्धिक संपदा से नई सृजनशीलता एवं दिशा मिलती है। उन्होंने आई0 पी0 आर0 के महत्व एवं नवाचार, अनुसंधान और रचनात्मकता के ठोस आधार के रूप में बौद्धिक संपदा को महत्वपूर्ण बताया।
कार्यशाला चेयरपर्सन प्रो0 ज्योति जुयाल ने अपने संबोधन में कहा कि बौद्धिक संपदा पर पूर्ण साक्षरता व जागरूकता, वर्तमान के प्रतिस्पर्धा के युग में अति आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि आई0पी0आर0 संगीतकार, लेखकों, अनुसंधानकर्ता, कलाकारों, शोधकर्ताओं के बौद्धिक कार्यों व आविष्कारों का कवच हैं।
कार्यशाला कन्वेनर प्रो0 कौशल्या डंगवाल ने कार्यशाला की रूप रेखा बताते हुए कहा कि आज की कार्यशाला से सभी को बौद्धिक संपदा अधिकारों के उपयोग के बारे में जानने का अवसर मिला।
मुख्य विषय विशेषज्ञ डॉ0 हिमांशु गोयल ने बौद्धिक संपदा अधिकार के प्रति जागरूकता के लिए विभिन्न वेबसाइट का उपयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी आम व्यक्ति, छात्र, छात्रा, वैज्ञानिक, अध्यापक या कोई अन्य जिसने कोई नवाचार, नई खोज, विशेष यंत्र या विशेष जानकारी हासिल की हो, वो उसे कॉपी राइट, पेटेंट, ट्रेडमार्क, रजिस्टर इत्यादि कर सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि कोई भी व्यक्ति पेटेंट फाइल कर सकता है इसके लिए पेटेंट फाइल करने की विशेष प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। जिस खोज, कार्य, यंत्र अथवा नवाचार को कॉपी राइट या पेटेंट के लिए अग्रसारित किया गया हो, उसकी पूर्ण जांच पड़ताल के बाद ही कॉपी राइट या पेटेंट का अधिकार मिलता है।
पेटेंट संबंधित संस्थान प्रोसेसिंग फीस लेकर पांच, दस या उससे अधिक वर्षों के लिए पेटेंट का अधिकार प्रदान करता है।उक्त कार्यशाला में एमआईटी, श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय ऋषिकेश परिसर, पूर्णानंद डिग्री कॉलेज के प्राध्यापको एवं विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
कार्यशाला का संचालन कार्यक्रम कोकन्वेनर डॉ0 माधुरी कौशिश लिली ने किया। उपरोक्त कार्यक्रम में डॉ0 ललित मोहन जोशी, डॉ0 सुनील कुमार सिंह, डॉ0 कमलेश कुमार भट्ट, आशीष गुप्ता, अश्वनी कुमार, अंकित बडोनी, प्रदीप पोखरियाल, अजय तोमर, डॉ0 निधि श्रीवास्तव, डॉ0 अनीता पांडे आदि शामिल रहे।