October 14, 2025

Daily abhi tak samachar

Hind Today24,Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें, Daily abhi tak

पतंजलि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय पुस्तकालय दिवस पर प्रेरक संदेश

1 min read

पुस्तक ही है असली इंटेलिजेंस : प्रो. मयंक अग्रवाल
• कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में भी पुस्तक का कोई विकल्प नहीं : प्रो. अग्रवाल
• ज्ञान ही है मुक्ति का मार्ग : प्रो. साध्वी देवप्रिया

हरिद्वार, 13 अगस्त : पतंजलि विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा आज राष्ट्रीय पुस्तकालय दिवस मनाया गया। यह दिवस भारत में पुस्तकालय विज्ञान के जनक डॉ. एस. आर. रंगनाथन की जयंती एवं उनकी विरासत के सम्मान में प्रति वर्ष 12 अगस्त को देशभर में मनाया जाता है। डॉ. रंगनाथन के कार्यों ने पुस्तकालयों में सूचनाओं के सुव्यवस्थित संग्रह एवं समुदाय की सेवा की सुदृढ़ नींव रखी।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. मयंक कुमार अग्रवाल ने कहा कि पुस्तकालय केवल पुस्तकों के संग्रह का स्थान नहीं, बल्कि ज्ञान के उदय का केंद्र है। उन्होंने आगे कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दौर में भी पुस्तक का कोई विकल्प नहीं है। पुस्तक को उन्होंने ‘रियल इंटेलिजेंस’ बताते हुए कहा कि मानवीय मस्तिष्क को कोई तकनीक गौण नहीं ठहरा सकती, क्योंकि पुस्तक मानवीय संवेदनाओं को बढ़ाती है।

प्रो. अग्रवाल ने भारत को ज्ञान भंडारण एवं ज्ञान के प्रकाश के प्रसार में अग्रणी देश बताते हुए नालंदा और तक्षशिला जैसी प्राचीन पुस्तकालयों की महिमा का उल्लेख किया। उन्होंने छात्रों, संकाय सदस्यों और अधिकारियों से पुस्तकालय में समय बिताने का आह्वान भी किया।

मानविकी एवं प्राच्य विद्या की संकायाध्यक्ष प्रो. साध्वी देवप्रिया ने अपने संबोधन में कहा कि भारत सदा से ज्ञान का पूजक रहा है। ज्ञान के बिना कोई मनुष्य मुक्त नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि भारत को प्राचीनकाल से विश्व गुरु का दर्जा उसकी ज्ञान-परंपरा और संस्कृति के कारण मिला, और आज आवश्यकता है कि उसी परंपरा को पुनः स्थापित किया जाए। ‘रीडर्स आर लीडर्स’ की अवधारणा को रेखांकित करते हुए उन्होंने भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने का आह्वान किया।

वहीं पविवि के डीन अकादमिक प्रो. ऋत्विक बिसारिया ने विद्यार्थियों को पुस्तकालय में अधिक से अधिक समय बिताने का आह्वान किया जिससे विद्यार्थी पुस्तकालय और ज्ञानार्जन का अधिकतम लाभ उठा सकें।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलानुशासक स्वामी आर्षदेव, प्राकृतिक एवं योग चिकित्सा विभाग के संकायाध्यक्ष प्रो. तोरण सिंह, केंद्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष रुचि धीमान, संगीता, अमिकेश, ऋषिकांत, शेखर के अलावा पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज के पुस्तकालयाध्यक्ष प्रशांत वशिष्ठ एवं सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष तान्या किमोठी सहित विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *