एमआईटी संस्थान में एम्स ऋषिकेश द्वारा स्तन कैंसर पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
●एमआईटी संस्थान में एम्स ऋषिकेश द्वारा स्तन कैंसर बीमारी को लेकर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से छात्रों को किया जागरूक
ऋषिकेश।आम बीमारी में शामिल ब्रेस्ट कैंसर की समस्या से जूझ रही महिलाओं के समक्ष आने वाली दिक्कतों को लेकर एम्स ऋषिकेश
द्वारा आयोजित स्तन कैंसर स्वास्थ्य शिविर में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से एमआईटी संस्थान में छात्रों इस बीमारी के प्रति जागरुक किया गया।
एमआईटी संस्थान की बायोटेक विभाग की विभागाअध्य्क्ष डॉ0 कौसल्या डंगवाल ने एम्स ऋषिकेश की नर्सिंग कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ0 स्मृति अरोरा का बुके देकर सम्मान किया।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान,एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह के मार्गदर्शन में एमआईटी संस्थान में स्तन कैंसर पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।
आयोजित कार्यशाला में ब्रेस्ट कैंसर के बारे में एमआईटी संस्थान के सभी छात्रों को जागरुक किया गया।
एम संस्थान की नर्सिंग कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ0 स्मृति अरोरा बताया कि स्तन में या स्तन के आसपास गांठ का उभरना, स्तन का रंग लाल होना, स्तन से खून जैसा द्रव बहना,स्तन पर डिंपल बनना, स्तन का सिकुड़ जाना अथवा उसमें जलन पैदा होना तथा पीठ अथवा रीढ़ की हड्डी में दर्द की शिकायत रहना स्तन कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
एमआईटी संस्थान के निदेशक रवि जुयाल ने एम्स संस्थान द्वारा चलाए गई इस मुहिम की सराहना की और एमआईटी संस्थान पहुंची एम्स ऋषिकेश की जागरूकता टीम का स्वागत किया,बताया कि रोगी को समय रहते डॉक्टर से परामर्श लेकर अपना इलाज कराना चाहिए।
आयोजित कार्यशाला के दौरान चिकित्सक डॉक्टर अमित सहरावत ने बताया कि समय रहते इस बीमारी के लक्षणों में पर ध्यान नहीं देने और जागरुकता की कमी के चलते महिलाओं को इसका पता चलने तक शरीर में कैंसर घातक रूप ले चुका होता है।
उन्होंने बताया कि उपचार में देरी और बीमारी को छिपाने से ब्रेस्ट कैंसर जानलेवा साबित होता है।
डा. रुचिका के अनुसार महिलाएं अक्सर इस बीमारी के प्रति जागरुक नहीं रहतीं। लिहाजा जागरुकता के अभाव में औसतन 8 में से एक महिला इस बीमारी से ग्रसित हो जाती है।
उन्होंने बताया कि एम्स में ’एकीकृत स्तन उपचार केंद्र’ (आईबीसीसी )में इस बीमारी की सघनता से जांच व बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध है।
इसके अलावा एम्स नर्सिंग के छात्रों ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर एमआईटी संस्थान के सभी छात्रों व अध्यापकों को इस बीमारी से बचाव व उपचार संबंधी जानकारी दी।
इस दौरान डॉ0अमित सहरावत,डॉ0 स्मृति अरोरा,डॉ0 रुचिका डॉ0 रमन्ना,डॉ0 कौशल्या डंगवाल,डॉ0 माधुरी कोशिश लिली,डॉक्टर एल.एम. जोशी,अजय तोमर,अंशु यादव, मनोरमा उनियाल, निशा फरस्वान अन्य सभी अध्यापकों और छात्रों की उपस्थिति रही।