मधुबन आश्रम ऋषिकेश में ‘चैतन्य महाप्रभु’ की 537वीं जयंती कार्यक्रम आयोजित
ऋषिकेश। मधुबन आश्रम ऋषिकेश में चेतन महाप्रभु की 537 वी जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया।मधुबन आश्रम ऋषिकेश के पीठाधीश्वर परमानंदस्वामी ने बताया चैतन्य महाप्रभु को एक महान आध्यात्मिक महापुरुष माना जाता है। वे भगवान श्री कृष्ण के परम् भक्त थे।
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सूर्य चंद्र सिंह चौहान ने बताया वे अपने शिष्यों के साथ भगवान श्रीकृष्ण के कीर्तन करते थे। हरे श्रीकृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण—कृष्ण, हरे हरे… कीर्तन इनकी ही देन है। चैतन्य महाप्रभु ने दो विवाह किए थे।उनका पहला विवाह 10 साल की उम्र में हुआ था उनकी पहली पत्नी लक्ष्मीप्रिया देवी थीं। सांप के काटने से उनकी मृत्यु हो गई थी।आपको बता दें महा पूजन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पहुचे श्रद्धालु ने प्रभु की भक्ति का आनंद लिया।मधुबन आश्रम में सुबह मंगल आरती के बाद शहर में हरि नाम संकीर्तन प्रभात फेरी निकाली गई।
शाम को चैतन्य महाप्रभु और नित्यानंद का अभिषेक किया गया कथा प्रवचन और महाप्रसाद सभी भक्तों को कराया गया।इस अवसर पर ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनीता ममंगाई, पूर्व राज्य मंत्री कृष्ण कुमार सिंघल, संदीप गुप्ता, संजय व्यास नगर निगम पार्षद, विजय बरौनी भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष पंकज शर्मा, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सूर्य चंद्र सिंह चौहान मुनी की रेती प्रेस क्लब के अध्यक्ष,कमल सिंह राणा समाजसेवी, अनुराग यादव, हिमांशु एरन, विजय बाबरी रास बिहारी दास, मुकुल शर्मा, राजीव कालरा, अशीष कुकरेती उपस्थित हुए।