परमार्थ निकेतन में धर्मगुरूओं,प्राचार्यों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ मनाया वर्ल्ड हैंडवाशिंग डे
1 min read●माँ गंगा के पावन तट पर विद्यालयों के बच्चों के साथ मनाया पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न ए पी जे अब्दुल कलाम साहब का जन्मदिन
●महामंडलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती महाराज के अवतरण दिवस पर समर्पित की आज की गंगा आरती
●कैमिकलयुक्त नहीं बल्कि जैविक सोप में समाहित है स्वच्छता:स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश, 15 अक्टूबर। परमार्थ निकेतन में प्रतिवर्ष ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस (जीवा) विभिन्न विद्यालयों को आमंत्रित कर हाथ धोने की सरल और प्रभावी तरीके के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न धर्मो के धर्मगुरूओं और यूनिसेफ के विशेषज्ञों के साथ मिलकर हाथ धोने के प्रति जागरूक करने हेतु वृहद स्तर पर जन जागरूकता अभियान का आयोजन धार्मिक परिपेक्ष्य के आधार पर करता है।
आज वर्ल्ड हैंड वाशिंग डे के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती के सान्निध्य में विभिन्न धर्मो के धर्मगुरूओं ने सहभाग कर स्वच्छता के धार्मिक महत्व के विषय में सभी को अवगत कराया तथा इस बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से अभियान चलाया जा रहा है ताकि जमीनी स्तर पर सकारात्मक परिवर्तन किया जा सके।
स्वामी ने कहा कि स्वस्थ शरीर और स्वस्थ समाज के निर्माण में हाथ धोने की महत्वपूर्ण भूमिका है। सही तरीके से हाथ धोना जीवन बचाने का एक प्रभावी कदम है। हमें हैल्थी हैैंड ही नहीं बल्कि हैल्थी प्लानेट का भी ध्यान रखना होगा और इसके लिये कैमिकलयुक्त सोप नहीं बल्कि नीम,तुलसी, गुलाब की पंखुडियों से बनी आर्गेनिक सोप का उपयोग करना होगा तभी हम अपने जल स्रोतों और पृथ्वी को स्वच्छ और स्वस्थ रख सकते हैं।
स्वामी ने कहा कि ऋग्वेद में ‘अप्सु अन्तः अमृतं, अप्सु भेषजं’के रूप में जल के विशिष्ट गुणों का दिव्य वर्णन किया गया है। जल में अमृत है, जल में औषधि-गुण विद्यमान हैं अतः जल की शुद्धता-स्वच्छता को बनाए रखना परम आवश्यक है। जल में न केवल प्राणी बल्कि सम्पूर्ण मानवता का अस्तित्व समाहित है।
अथर्ववेदीय पृथ्वीसूक्त में कहा गया है ‘शुद्धा न आपस्तन्वे क्षरन्तु’। जल की शुद्धता स्वस्थ जीवन के लिए नितान्त आवश्यक है। जल के कारण ही पृथ्वी पर हरियाली बनी रहती है एवं सभी प्राणियों का जीवन स्वस्थ और आनन्दमय बना रहता हैं इसलिये जरूरी है हम आर्गेनिक सोप का उपयोग करें जैविक; आर्गेनिक साबुन का उपयोग करने पर हम माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिये मंत्र लोकल से वोकल की यात्रा से भी जुड़ सकते हैं।
साध्वी भगवती सरस्वती ने ग्लोबल हैंड वाशिंग डे के अवसर पर आर्गेनिक सोप का उपयोग करने का संदेश देते हुये कहा कि आर्गेनिक सोप छोटे-छोटे सेल्फ हैल्प ग्रुप्स की महिलाओं द्वारा बनायी गयी होती है।आर्गेनिक सोप का उपयोग कर हम किसी को जीवन और जीविका भी प्रदान कर सकते हैं। आईये संकल्प करे कि हम हाथ धोने की आदत को अपनाये, साथ ही जैविक; आर्गेनिक साबुन का उपयोग कर देश की स्वच्छता, स्वास्थ्य और समृद्धि में योगदान करें।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती, साध्वी भगवती सरस्वती और सभी पूज्य संतों ने पेंटिंग, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता जैसी विभिन्न गतिविधियों में सहभाग करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया।
इस अवसर पर परमार्थ विद्या मंदिर -चंद्रेश्वर नगर, पीएनएसके – देहरादून रोड, पीएनएसके – गंगा नगर, जीजेएचएस – देहरादून, पीएनएसके – चंद्रेश्वर नगर, जीआईसी लक्ष्मण झूला, जीपीएस और जीजेएचएस नाबाहाउस, जीपीएस – 9 मायाकुंड, जीपीएस खारस्रोत, जीजेएचएस मनीराम मार्ग, जीआईसी तपोवन, जीपीएस चंद्रेश्वर नगर, जीपीएस बापूग्राम, जीपीएस ढलवाला, जीजेएचएस विद्या निकेतन, पंजाब सिंध क्षेत्र के विद्यार्थियों, गुरुद्वारा के छात्रों और परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों ने सहभाग किया।