December 10, 2024

Daily abhi tak samachar

Hind Today24,Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें, Daily abhi tak

परमार्थ निकेतन में आयोजित निःशुल्क मोतियाबिंद आपरेशन शिविर का समापन

1 min read

💥200 से अधिक रोगियों का सफल आपरेशन

ऋषिकेश, 15 नवम्बर। परमार्थ निकेतन स्वामी शुकदेवानन्द चेरिटेबल हाॅस्पिटल में आयोजित 10 दिवसीय निःशुल्क मोतियाबिंद आपरेशन शिविर का आज समापन हुआ।परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के आशीर्वाद और मार्गदर्शन में आयोजित शिविर में उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात आदि राज्यों से 500 से अधिक रोगियों ने अपना पंजीकरण करवाया था।

जिसमें से 200 से अधिक रोगियों का मोतियाबिंद का आपरेशन हुआ। अमेरिका, आस्ट्रेलिया, नेपाल और भारत से आये नेत्र रोग विशेषज्ञों ने इस शिविर को सफल बनाने हेतु अपनी सेवायें प्रदान की।अमेरिका से आये नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ मनोज कुमार पटेल, श्रीमती वासवी पटेल, आस्ट्रेलिया से आये डॉ जॉन जोन्स, शेरोन और जेसी, दिल्ली से डा विवेक जैन, डा मिलन, डा नीलिमा, नेपाल डॉ इरीना कनिस्कर, अमृता श्रेष्ठ, बैंगलोर से जय कुमार, गुरूप्रसाद और अन्य चिकित्सकों ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर आगामी नेत्र चिकित्सा और मोतियाबिंद आपरेशन शिविर की योजना बनायी।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि माँ गंगा के तट पर आकर निस्वार्थ भाव से सेवा करना ही सच्ची साधना है। गरीबों व निशक्तजनों की सेवा ईश्वर की सेवा व पुण्य कार्य के समान है। स्वामी जी ने सभी चिकित्सकों का अभिनन्दन करते हुये कहा कि समाज के गरीब व अभावजन्य लोगों की पीड़ा को अनुभव कर उनकी सेवा करना वास्तव में दिव्य कार्य है। किसी को नेत्र ज्योति देना, अर्थात उसकी पूरी दुनिया रोशन करने के समान है।

परमार्थ निकेतन समय-समय पर निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन कर समाज के गरीब, निशक्त तथा हाशिये पर पड़े लोगों के दुख निवारण का प्रयास करता है तथा निःस्वार्थ भाव से जरूरतमंदों की सेवा करने हेतु दूसरों को भी प्रेरित करता है।

डा मनोज पटेल ने कहा कि भारत में विशेष रूप से गांवों में पारंपरिक रूप से स्वास्थ्य सेवाओं तक महिलाओं की पहुँच कम देखने को मिलती है। मोतियाबिंद सर्जरी के लिये लोगों को बाहर जाना पड़ता है और ग्रामीण महिलाओं के लिये अपने दैनिक कार्यों को छोड़कर सर्जरी के लिये बाहर जाना संभव नहीं हो पाता है। महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी मोतियाबिंद के अंधेपन का एक प्रमुख कारण है।

रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजेन का स्तर कम हो जाता है। इसके कारण उनमें मोतियाबिंद की संभावना बढ़ जाती है इसलिये पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अपने आंखों की देखभाल अधिक करनी चाहिये। पूज्य स्वामी जी प्रतिवर्ष ऋषिकेश में ऐसे शिविरों का आयोजन कर एक अनुपम कार्य कर रहे हैं।
डा नीलिमा ने बताया कि मोतियाबिंद अंधापन का एक प्रमुख रूप है, यह तब होता है जब क्रिस्टलीय प्रोटीन की संरचना जो हमारी आँखों में लेंस का निर्माण करती है वह खराब हो जाती है जिससे क्षतिग्रस्त या अव्यवस्थित प्रोटीन संगठित होकर एक नीली या भूरी परत बनाता है जो अंततः हमारे लेंस की पारदर्शिता को प्रभावित करता है। दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग ऐसे हैं जो ठीक से देख नहीं सकते हैं क्योंकि उनके पास चश्मे और सर्जरी तक पहुँच की सुविधा नहीं है। 

अमेरिका से आये नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ मनोजकुमार पटेल, श्रीमती वासवी पटेल, आस्ट्रेलिया से आये डॉ जॉन जोन्स, शेरोन और जेसी, डा विवेक जैन, डा मिलन, डा नीलिमा, नेपाल डॉ इरीना कनिस्कर, अमृता श्रेष्ठ, बैंगलोर से जय कुमार, गुरूप्रसाद, अनीता नायक, पुष्पलता, प्रेमराज, अरूण सारस्वत, डा अनील, डा राठी, डा नेगी, चिन्मय एसोसिएशन रिसर्च सेंटर की निदेशक श्रीमती प्रीतशिखा शर्मा के मार्गदर्शन में 10 प्रशिक्षित नर्सेस ने अद्भुत योगदान दिया हैं।

Print Friendly, PDF & Email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *