ऋषिकेश श्री भरत मंदिर में श्री भागवत ज्ञान कथा का समापन
1 min read• बर्ह्मलीन महंत अशोक प्रपन्नाचार्य जी की स्मृति में श्री भागवत महापुराण कथा
• पूर्व मुख्यमंत्री तथा गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट तथा विशिष्ट अतिथियों, श्रद्धालुओं ने व्यासपीठ से आशीर्वाद लिया।
ऋषिकेश 29 दिसंबर।श्री भरत मंदिर ऋषिकेश में बर्ह्मलीन महंत अशोक प्रपन्नाचार्य जी की पुण्य स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह का आज बृहस्पतिवार को समापन हो गया है। कथा का शुभारंभ 21 दिसंबर को हुआ था। आज कथा के समापन अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री / गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत तथा भाजपा प्रदेशअध्यक्ष महेन्द्र भट्ट
श्रीमद भागवत महापुराण कथा के श्रवण को पहुंचे तथा व्यास पीठ से आशीर्वाद लिया।
आज व्यास पीठ से डा.कमलदास वेदांती ने भागवत पुराण के दसवें तथा ग्यारहवें स्कंद का वर्णन करते हुए कहा कि जिस तरह विद्युत संयोजन से वातावरण प्रकाशमान हो जाता है तथा संयोजन हटने से अंधेरा छा जाता है उसी तरह भगवान से संयोजन रहने से आत्मा प्रकाशित हो जाती है।
भगवान कृष्ण से रूक्मणी, सत्यभामा से विवाह का वर्णन किया भौमासुर के कारागार से सोलह हजार एक सौ गोपियों के उद्धार , नाराद विवाह,भगवान कृष्ण के पुत्र द्वारा समरासुर दैत्य के वध, बाणासुर तथा भगवान कृष्ण का युद्ध तथा बाणासुर का उद्धार, जरासंध वध, शिशुपाल का वध के अलावा भगवान कृष्ण, बलराम जी एवं सुदामा जी के संदीपन ऋषि के आश्रम में विद्याअध्ययन कृष्ण सुदामा की मित्रता, सुदामा के द्वारिका में भगवान कृष्ण से भेंट तथा जरा नाम के बहेलिया द्वारा मूसल का तीर से भगवान कृष्ण पर प्रहार तथा भगवान कृष्ण का गोलोक प्रस्थान का मार्मिक वर्णन आदि के प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।इसी के साथ अंतिम दिन की कथा के बाद राजा परीक्षित को तक्षक सर्प द्वारा डसने का वर्णन आता है ओर परीक्षित जी महाराज विष्णुलोक प्रस्थान करते हैं।
बताया कि इस तरह श्रीमद भागवत पुराण के अंतिम अध्यायों में महर्षि शुकदेव जी राजा परीक्षित जी को वैराग्य ज्ञान के लिए भागवत कथा के विभिन्न प्रसंगों का व्याख्यान करते हैं और इस तरह परीक्षित जी का उद्धार हुआ और मृत्यु भय समाप्त हो गया।
आज श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ के समापन पर पूर्व मुख्यमंत्री / गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत तथा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट भागवत कथा श्रवण को पहुंचे तथा व्यास पीठ से आशीर्वाद लिया। विगत रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी सहित उनके साथ बड़ी संख्या में अतिथिगण कथा श्रवण को पहुंचे थे इससे पहले गुरुवार प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि जी महाराज भागवत कथा स्थल श्री भरत मंदिर पहुंचे उन्होंने भगवान भरत जी के दर्शन किये तथा कथा में शामिल हुए।बीते शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भागवत कथा श्रवण को पहुंचे।
कथा के सातवें दिन मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री/ पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक जी तथा प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल सहित कई संतगण भागवत कथा में पहुंचे। बुद्धवार को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने व्यास पीठ से आशीर्वाद लिया। अतिथिगणों के स्वागत में भरत मंदिर ट्रस्ट की ओर से महंत वत्सल प्रपन्न शर्मा ने तुलसी का पौधे भेंट किये गये।
कथा के आठवें दिन बुधवार को भरत मंदिर ट्रस्ट द्वारा श्री भरत मंदिर परिसर में गरीब कन्या का विवाह संपन्न करवाया।आज कथा के समापन अवसर पर हठयोगी जी महाराज सहित संतों एवं विशिष्ट अतिथियों ने भी व्यास पीठ पर विराजमान डा. राम कमलदास वेदांती से आशीर्वाद लिया। श्रीमद भागवत कथा का समापन के साथ ही प्रसाद वितरित किया गया।
भागवत कथा मंच की ओर से कथा श्रवण करनेवाले श्रद्धालुओं का आभार जताया गया इस अवसर पर कथा पांडाल भजन-कीर्तन से गुंजायमान रहा।इस अवसर पर महंत वत्सल प्रपन्न शर्मा, गंगा सभा अध्यक्ष हर्षवर्धन शर्मा, वरूण शर्मा, मधुसूदन शर्मा, रवि शर्मा, संजय शास्त्री सहित हजारों की संख्या में कथा श्रवण करने पहुंचे श्रद्धालु मौजूद रहे।