पतंजलि योगपीठ में मनाया गया देश का 76वाँ गणतंत्र दिवस
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हरिद्वार, 26 जनवरीः पतंजलि वेलनेस, फेस-2 में स्वामी रामदेव जी व आचार्य बालकृष्ण जी ने ध्वजारोहण कर सभी देशवासियों को देश के 76वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ दीं।
इस अवसर पर स्वामी ने कहा कि भारत राजनैतिक दृष्टि से तो आजाद है, 78 वर्ष हमारे स्वाधीनता के हो गए, 76वें गणतंत्र दिवस में हम प्रवेश कर गए। आर्थिक, शिक्षा, चिकित्सा, सांस्कृतिक व सब प्रकार की कुंठाओं, ग्लानि से आजादी अभी शेष है।
उपनिवेशवाद की यह प्राचीन लूट जो पहले तलवार के बल पर होती थी वह आज व्यापार के बल पर आज भी मल्टीनेशनल कम्पनियों के माध्यम से उपभोक्तावाद के रूप में जारी है। हमें स्वदेशी का अभियान चलाकर कंज्यूमर नहीं क्रिएटर बनना है। आज पूरी दुनिया के 10 प्रतिशत लोगों के हाथों में पूरी दुनिया की 90 प्रतिशत दौलत है।
उपनिवेशवाद के कारण आर्थिक असमानता- ऑक्सफैम की रिपोर्ट कहती है कि एतिहासिक उपनिवेशवाद के समय जो असामानता व लूट का चलन था वही वर्तमान समय में चल रहा है। ग्लोबल साउथ जिसमें एशिया, अफ्रीका व दक्षिण अमेरिका के विकासशील देशों से धन का दोहन ग्लोबल नॉर्थ जिसमें अमेरिका, यूरोप के विकसित देशों के अमीर लोग उठा रहे हैं।
बता दे आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि उपनिवेशवादी लूट व अत्याचार के लिए विभिन्न देशों द्वारा माफी मांगी गई व हर्जाने/जुर्माने व क्षतिपूर्ति गई। इसके उदाहरण के रूप में बेल्जियम ने अपने अधीन रहने वाले कांगो, रवांडा और बुरुंडी आदि देशों से, जर्मनी ने नामिबिया में, इटली ने लीबिया में अपने औपनिवेशिक शासन के अन्याय पर सार्वजनिक माफी मांगी तथा क्षतिपूर्ति दी। उसी प्रकार हमें भी ब्रिटेन से देश की 5611 लाख करोड़ रुपए की लूट को वापस लेना है तथा आगे की लूट से देश को बचाना है।
स्वामी जी महाराज ने कहा गणतंत्र दिवस पर हमारा संकल्प है कि इस लूट के लिए हम हाऊस ऑफ कॉमन्स, ब्रिटेन से माफी मंगवाएँगे। आज हम आह्वान करने वाले हैं सब भारतवासियों से, आज हम भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनामी बनाने का संकल्प लेते हैं देश के लगभग 150 करोड़ देशवासी जब सृजन में लगेंगे तो 5 ट्रिलियन नहीं पहले 50 और फिर 500 ट्रिलियन इकॉनामी वाला भारत बनेगा।
हमारा संकल्प है पहले जो लूट लिया, उसको लौटाने के लिए पूरे देश में एक आंदोलन चलाना है। भारत के एक-एक व्यक्ति के गौरव व स्वाभिमान को जगाकर इस लूट व अत्याचार के जिम्मेदार ब्रिटेन की सरकार, ब्रिटिश संसद व वहाँ के लुटेरे राजाओं के वंशजों पर वैधानिक व वैचारिक दबाव बनाकर लूट का धन वापस लेना है तथा भारत पर किए अत्याचारों के लिए अंग्रेजों से सार्वजनिक माफी मंगवाने के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाना है। सभी राष्ट्रवासियों से आह्वान है कि ऑक्सफैम की वेबसाइट पर जाकर इस रिपोर्ट का अवलोकन करके ब्रिटिश संसद हाऊस ऑफ कॉमन्स को ई-मेल करके लूट वापसी व माफी मांगने का अभियान चलाएँ।
कार्यक्रम में पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने देशभक्ति से ओतप्रेात प्रस्तुतियाँ दीं। पूरा वातावरण वन्दे मातरम् व भारत माता की जय के नारों से गुंजायमान हो उठा।